पुथांडु (Puthandu)

Puthandu (पुथांडु): तमिल का नव वर्ष

• तमिलनाडु के लोगों के द्वारा तमिल माह चिथिरई के पहले दिन को Puthandu के रूप में मनाया जाता है।
• Puthandu जिसे वर्षा पिरप्पू के नाम से भी जाना जाता है, पूरे देश में तमिलों द्वारा पूरी भव्यता और धूमधाम से मनाया जाता है।
• अपने घरों को सजाने से लेकर पोंगल व्यंजन बनाने तक वे अपने प्रियजनों के साथ नए साल का जश्न मनाते हैं।
पुथांडु, ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल लगभग एक ही दिन पड़ता है।
पुथांडु उत्सव तमिलनाडु और पुडुचेरी के अतिरिक्त भारत के बाहर रहने वाले तमिल हिन्दुओं द्वारा भी मनाया जाता है, जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, मॉरीशस तथा अन्य देशों में, जहाँ तमिल प्रवासी रहते हैं।

Puthandu कैसे मनाया जाता है ?

Puthandu की तैयारी में घर के प्रेवश द्वार पर बनया गया कोलम या थराई अलंगाराम रंगोली शामिल है, जिसमें तेल के दीपक (जिसे तमिल मे कुथुविल्लाकू कहा जाता है) को कोलम के बीच में रखा जाता है ताकि सकारात्मक ऊर्जा के साथ नए साल का स्वागत किया जा सके और बुराई को दूर किया जा सके। घर को सजाने के लिए फूलों और मालाओं का उपयोग किया जाता है तथा परिजिन व अन्य परिचित आपस में उपहारों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

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