Table of Contents
Kambala festival
- Kambala, दक्षिणी-पश्चिमी भारतीय राज्य कर्नाटक में आयोजित होने वाली भैंसा दौड़ प्रतियोगिता है। परम्परागत रूप से यह कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले और उडुपी के तटीय जिलों और केरल के कासरगोड क्षेत्र में मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है।
- दक्षिण भारत में इस क्षेत्र को सामूहिक रूप से तुलु नाडु (Tulu Nadu) के नाम से जाना जाता है। प्राचीन काल में यह स्थानीय तुलुवा जमींदारों और परिवारों द्वारा प्रायोजित किया जाता है।
- कम्बाला दौड़ आमतौर पर नवंबर में शुरू होती है और इसका खेल मार्च तक चलता है। इसका आयोजन कम्बाला समितियों (Kambala association) के माध्यम से किया जाता है।
Track and Kambala
- Kambala का आयोजन दो समानांतर रेसिंग ट्रैक्स पर होता है। ट्रैक में पानी फैलाकर कीचड़ कर दिया जाता है। ये ट्रैक 8 से 12 मीटर तक चौड़े तथा 120 से 160 मीटर लंबे होते हैं। दो भैंसों को बांधा जाता है और उन्हें प्लेयर्स (जॉकी) द्वारा हांका जाता है। भैंसे को लेकर जो पहले फिनिश लाइन तक पहुंचता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है।
- कम्बाला दौड़ राज्य के कृषक समुदाय के बीच एक लोकप्रिय और अनोाखा खेल है। कम्बाला आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के बाद धान की कटाई के बाद आयोजित किया जाता है।
- कम्बाला को आम तौर पर चार श्रेणियों-नेगीलु (Negilu), हग्गा (Hagga), अड्डा हैलेज (Adda Halage) तथा केन हैलेज (Kane Halage) में आयोजित किया जाता है।
- कई परिवारों के लिए कम्बाला दौड़ प्रतिष्ठा का विषय होता है तथा कम्बाला प्रतियोगिता जीतने के लिए स्थानीय निवासी साल भर भैंसा के जोड़े तैयार किये जाते है।
Court and Kambala
- पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने कम्बाला दौड़ को प्रतिबन्धित कर दिया था, परन्तु कर्नाटक सरकार ने इसकी लोकप्रियता के दृष्टिगत दौड़ को जारी रखने की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया है।