power of words

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power of words

वाकई में शब्द कितने जादुई होते हैं। शब्द हमें बेहद दिलचस्प, रहस्यमयी और एक अजब सी भावनाओं से भर देते हैं। साइंस की भाषा में बोले तो शब्द एक प्रकार के बेस मेटल (अपधातु) की तरह होते हैं और वे वेसे ही बन जाते हैं जैसा हम और आप उन्हें बनाना चाहते हैं। प्रत्येक शब्द का अपना एक अलग इतिहास होता है। शब्दों का ठीक और उचित प्रयोग व्यक्ति का आगे बढ़ने का अवसर देता है, जबकि दुरूपयोग से महाभारत भी हो सकता है। हम लगभग हर वक्त शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, हां, लेकिन सोचें तो क्या हम हमेशा बोलने से पहले अपने शब्दों पर गौर करते हैं ? हम शब्दों का उपयोग हम लोग तो लगभग हर समय करते हैं लेकिन मनुष्यों की इस सबसे बड़ी शक्ति का सही और मौलिक उपयोग संसार में रहने वाले कम ही लोग करते हैं। किसी ने छोटी सी घटना की और हम बिना सोचे-समझे उस पर तत्काल प्रतिक्रिया दे देते हें। यही हमारी कम होती सहिष्णुता का ही परिणाम है।

शब्दों में जीवन और मृत्यु दोनों की शक्ति होती है। शब्द केवल ध्वनि नहीं होते; वे विचारों और भावनाओं के वाहक होते हैं। इसलिए हमें सोच-समझकर शब्दों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि शब्द बाण से भी अधिक घातक हो सकते हैं। शब्द अमूल्य हैं, वे सृजन कर सकते हैं, वे नष्ट कर सकते हैं। हमें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। शब्दों में अपार शक्ति है वे जीवन संवार सकते हैं या बिगाड़ सकते हैं। अच्छे शब्द शरीर की ऊर्जा और दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। जो शब्द हम बार-बार खुद से कहते हैं, वे हमारे विचारों और कार्यों को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक शब्द आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, जबकि नकारात्मक शब्द हमें हतोत्साहित कर सकते हैं।

मेरे दिमाग में यह विचार कल आया जब एक लड़का मेरी कार के आगे से लगभग दौडते हुए सड़क पार कर रहा था। मैं हड़बड़ाहट में उस पर बरस पड़ा। तब वह मेरी कार से बचते हुए अलग दूर हटा। मैं उसके लिए वाकई चिन्तित था, हालांकि मेरे शब्दों से ऐसा कुछ जाहिर नहीं हो रहा था। वेवकूफ मरना चाहता हैं, क्या ? ये शब्द अचानक मेरे मुहं से निकल पड़े। तब उसने बहुत ही बडी मासूमियत से मेरी तरफ देखा फिर मैने मन में सोचा काश मैने ऐसा नहीं कहा होता। यह शब्द अनायास ही मेरे मुह से निकल पड़े जबकि मैं यह नही बोलना चाहता था, किन्तु वे शब्द अब कमान से निकली हुयी तीर के समान वापस नहीं आ सकते थे।

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व्यक्तित्व का आईना- किसी के लिए लिए हमारे दिल में विचार/भाव हैं, उससे ज्यादा माने रखता है, हमारे कहे गए शब्द क्योंकि शब्द ही हमारे व्यक्तित्व का आईना होते हैं। शब्दों से ही हमारी पहचान होती है। शब्दों की अपनी बहुत ही अहमियत होती है। बात करते समय आप किसी से कैसे बोलते हैं, इससे न सिर्फ न आपके व्यक्तित्व का सामने वाले को पता चलता है, बल्कि सामने जो व्यक्ति है उस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शब्द आपका व्यक्तित्व बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। जब हम सामने वाले किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो जो व्यक्ति प्यार और सम्मान से बातें करता है, हम उसके तुरन्त मुरीद बन जाते है और जो बेरूखी या बत्तमीजि से बात करता है तो उससे दुबारा मिलना भी क्या ? उसका जिक्र करना भी पसन्द नहीं करते हैं। इसलिए आप अपने शब्दों को सजाएं-संवारें, उनको शालीन बनाएं, क्योंकि शब्दों में बहुत ही समार्थ्य होती है।

बस बातें याद रह जाती हैं- इस संसार में काम से ज्यादा उनकी कहीं गयी बातें याद रह जाती है। उनकी कही गयी बातें लाखों-करोडों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाती है। भले आज वे लोग इस दुनिया में या हमारे बीच नहीं हैं किन्तु उनकी कहीं बातें अर्थात शब्द आज भी हमेशा लोगों के दिलो-दिमाग में जिन्दा हैं। शब्द हमें मिटा देते हैं या बना देते हैं। हम किस तरह शब्दों का चुनाव अपनी जिन्दगी में करते हैं।

स्व0 पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के अनुसार, सपने वे नहीं होते जो रात को सोते समय नींद में आए, सपने वो होते हैं जो रातों में आपको सोने न दें। आज भी उनके द्वारा कही गयी ऐसी प्रेरणादायी बातें हजारों लोगों का उत्साह बढ़ाती हैं। कलाम की तरह स्वामी विवेकानन्द, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग द्वितीय के द्वारा कहें गए शब्द आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

अपने शब्दों के साथ निष्पाप रहें- जैसे ही आप पहली बार डॉन मिगेल रूईज द्वारा लिखित ‘द फोर एग्रीमेंटस’ को पढ़ते है, इस पुस्तक का जादु शुरू हो जाता है। यह पुस्तक इसमें लिखें शब्दों के अर्थ से भी कहीं अधिक गहराई तक उतर जाती है। द फोर एग्रीमेंटस (The Four Agreement) में पहला समझौता है ‘अपने शब्दों के साथ निष्पाप रहें’। सृष्टि के प्रारम्भ में शब्द था और वह शब्द ईश्वर के साथ था, वह शब्द ही ईश्वर है। शब्दों के माध्यम से आप अपनी रचनात्मक शक्ति को प्रकट करते हैं और शब्दों से ही हर चीज वास्तव में आती है।

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ऐसा कई बार होता है। मेरे दिमाग में तमाम शब्दों, कहावतों और तंज भरे वाक्यों का भण्डार होता है, जो खुलेे सिक्को की तरह हमारे दिमाग में इधर-उधर बिखरे होतो हैं। और जब भी हम कुछ बोलना चाहते हैं हम उनमें से कुछ शब्दों का चुनाब करते हैं और समाने वाले को कह देते हैं। शब्द वाकई में बड़े अजीब होते हैं। इंसान होने के नाते से हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं जिनका हमने अपने तेज दिमाग की मदद से इस्तेमाल करना सीखा है। शब्द आपाको खुश, आकर्षित, खुशामद, उत्तेेजित, नाराज और शान्त कर सकते हैं। कोई व्यक्ति इन शब्दों की मदद से अपनी मर्जी से लगभग हर काम करवा सकता है। आप शब्दों से किसी को भावुक कर सकते हैं, मार सकते हैं, नया जीवन दे सकते हैं, बडे से बड़ा कोई राज छिपा सकते हैं या उजागर कर सकते हैं।

हालांकि, एक सच्ची मौलिक बात कहना बहुत मुश्किल होता है। हमसे पहले के लोग भी इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करते थे। भले ही उनकी भाषा, जाहिर करने के तरीके और अर्थ थोड़ा अलग हो, लेकिन कुल मिलाकर देखें तो आज भी वे शब्द हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका बने हुए हैं। हम अपनी भावनाओं को कुछ अलग तरह से व्यक्त करने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन यह काफी मुश्किल और कभी-कभी तो लगभग नामुमकिन हो जाता है। इससे आसान होता है कि हम आदतन पहले से कही जा रही बातों के कुछ गुच्छे बटोर लेते हैं और उनसे अपनी बात कह देते हैं। एक बात यह भी है कि अब हर प्रोफेशन के अपने बने-बनाए शब्द हैं, पत्रकारों, वकीलों की अपनी शब्दावली है तो यहां तक कि अब तो प्रोफेशर्स के भी कुछ चुनिन्दा शब्द होते हैं।

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वैसे देखा जाए तो अगर आप शब्दों को यूं ही छोड़ दें तो वे बेहद मजेदार हो जाते हैं। आप कोई भी किताब खोलिए और उसमें शब्दों की खूबसूरत लिखावट को देखिए, उनकी बातों का आनन्द लीजिए, शब्दों से आने वाली आवाज सुनिए, उनसे जागने वाली भावनाओं को महसूस करिए, दिमाग को इन शब्दों की दुनिया में गुम होने दीजिए और यकीन मानिए आप एकाएक नई खुशी और सन्तुष्टि महसूस अवश्य करेंगे। कभी-कभी गाने सुनते हुए मैं यह सोचता हूं कि इन सुरीली धुनों में बिना किसी अतिश्योक्ति के कितनी खूबसूरती से शब्दों को पिरोया गया है। एक परफेक्ट गीत तो वही है जिसकी धुन तो आकर्षक हो ही साथ ही जिसके शब्द उस धुन के साथ मिलकर यह एहसास दिलाते हैं कि इससे खूबसूरत और कुछ नहीं हो सकता है।

शब्दों का निर्दोष होना, आपको निजी स्वतंत्रता, सफलता और भरभूरता की ओर ले जाता है। यह आपके सारे भय को दूर कर, इसे आनन्द और प्रेम में बदल सकता है। शब्दों में बहुत शक्ति होती हे, जिसका प्रयोग प्रेम और खुशियॉ बाँटने में कर सकते हैं।। शब्दों के जादू का सकारात्मक तरीके से अपने जीवन में उपयोग करें अैर इसकी शुरूआत खुद से करें। This small world isn’t enough for me’ and write because I believe in changing the world with the power of words.

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