Konark Sun Temple (कोणार्क सूर्य मन्दिर)
- कोणार्क सूर्य मन्दिर (Konark Sun Temple) ओडिशा के उत्तर पूर्वी तट पर पुरी से लगभग 36 किमी0 दूरी पर स्थित है।
- सूर्य देव को समर्पित इस मन्दिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में पूर्वी गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम द्वारा किया गया था।
- इस मन्दिर की कल्पना सूर्य के रथ के रूप में की गई है। रथ में बारह जोड़े विशाल पहिए लगे हैं और इसे सात शक्तिशाली घोड़े तेजी से खींच रहे हैं।
- Konark Sun Temple न केवल अपनी स्थापत्य की भव्यता के लिये बल्कि मूर्तिकला कार्य की गहनता और प्रीवणता के लिये भी जाना जाता है। कोणार्क के सूर्य मन्दिर का संरेखण पूर्व-पश्चिम दिशा में है।
- यह सूर्य मन्दिर कलिंग वास्तुकला विरासत और प्रमुख प्राकृतिक सुन्दरता के उचित मिश्रण को परिलक्षित करता है।
- इस मन्दिर को वर्ष 1676 की शुरूआत के यूरोपीय नाविकों के लेखों में ब्लैक पैगोडा कहा जाता था, क्योकि इसका विशाल टॉवर काला दिखाई देता था। इसे 1984 में यूनेस्कों की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
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