पंड्रेथन मन्दिर (Pandrethan Temple)

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Pandrethan Temple

पंड्रेथन मंदिर (Pandrethan Temple) श्रीनगर शहर से लगभग 5 किमी0 दूर स्थित है। जिसे स्थानीय रूप से  ‘पानी मंदिर’ के रूप में जाना जाता है । मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और झेलम नदी के पास स्थित है।  प्राचीन मंदिर का निर्माण मेरु वर्धनए राजा पार्थ के मंत्री द्वारा किया गया था जिन्होंने 921-931 ईस्वी से कश्मीर पर शासन किया था और यह  मंदिर कश्मीरी वास्तुकला का एक बड़ा उदाहरण है। यह मंदिर भारत के धरोहर मंदिरों में से एक है जो अपने अद्वितीय सममित डिजाइन और निर्माण में शामिल ज्यामिति के लिए जाना जाता है। श्रीनगर स्थित यह मन्दिर के संरक्षण और कायाकल्प के लिए भारतीय सेना के चिनार कोर को राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है।

  • Pandrethan Temple, श्रीनगर के बादामीबाग में स्थित 8वीं शताब्दी का महत्वपूर्ण विरासत स्थल है।
  • इस मन्दिर को भारतीय सेना के चिनार कोर द्वारा संरक्षित और कायाकल्प किया गया है।
  • खुदाई से प्राप्त दूसरी शताब्दी की कई महत्वपूर्ण मूर्तिया इस स्थल से प्राप्त होती है, इसमे दो बड़े अखण्ड शिव लिंग, सात गांधार शैली की मूर्तियां तथा एक अखण्ड प्रतिमा के पैरों की एक विशाल चट्टान नक्काशी आदि शामिल हैं।
  • 1913 में बिट्रिश काल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा शिव मन्दिर के निकट पंड्रेथन मंदिर मन्दिर साइट की खुदाई की गई थी, जिसमें कई बौद्ध मूर्तियां तथा 8वीं शताब्दी के चैत्य के मलबे प्राप्त हुए थे।

Mahatma Gandhi

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