पहाड़ में सदियों पहले बनी वो सीढ़ियांए जो दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार है उत्तराखंड में ये सीढ़िया करीब 140 साल पहले बनाई गई थीं। कहा जाता है कि जाड़ गंगा घाटी में स्थित सीढ़ीनुमा यह मार्ग दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक हैं।
उत्तराखंड की वो सीढ़ियां जो भारत और चीन के बीच व्यापार की कहानी को तो याद दिलाती हैं साथ ही वो भारत और चीन के बीच हुए युद्ध की भी यादें ताजा करती हैं। इसे दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में भी शुमार किया जाता है। उत्तरकाशी में स्थित समुद्रतल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर गरतांग गली का निर्माण 140 साल पहले हुआ था। इसी रास्ते से भारत और तिब्बत के बीच व्यापार हुआ करता था। इस पुल को बचाने की कवायद जारी है। प्राचीन धरोहरें उत्तराखंड की पहचान हैं। उत्तराखंड की सालों पुरानी काष्ठकला के दर्शन करने हों तो उत्तरकाशी चले आइये यहां की गरतांग गली को देखकर जिस गर्व और रोमांच का अनुभव आप करेंगे उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसे गरतांग गली कहा जरूर जाता हैए लेकिन वास्तव में ये लकड़ी और लोहे से तैयार सालों पुराना पुल है। गरतांग गली जाड़गंगा के पास बना पुल है जिसके अस्तित्व को बचाए रखने की कोशिश की जा रही है।
ये उत्तरकाशी से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 150 मीटर लंबे इस पुल पर लकड़ी की सीढ़ियां बनी हैं। गरतांग गली का निर्माण एक सीधे पहाड़ को काटकर किया गया है। माना जाता है कि इसे 140 साल पहले बनाया गया था। उस वक्त तिब्बत और भारत के बीच व्यापार गरतांग गली के जरिए होता था। गरतांग गली बनने से पहले व्यापारियों के घोड़े.खच्चर पहाड़ की ऊंचाई से नीचे गिर जाते थे। परेशानी बढ़ने लगी तो व्यापारियों ने करीब 300 मीटर लंबा यह रास्ता 17 वीं सदी में पेशावर से आए अफगानी पठानों से गरतांग गली का निर्माण कराया। इस दुर्गम रास्ते पर भारत सरकार का ध्यान उस वक्त गयाए जब 1962 में चीन और भारत के बीच युद्ध छिड़ गया। सन् 1962 में भारतीय सैनिकों ने अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर तक पहुंचने के लिए इसी दुर्गम रास्ते का इस्तेमाल किया था। लेकिन वर्ष 1975 से सेना ने भी इस रास्ते का इस्तेमाल बंद कर दिया था ।
इस दुर्गम रास्ते पर तब जादुंग और निलोंग नाम के दो गांव पड़ते थे। बाद में सुरक्षा कारणों की वजह से इस पुल से आवाजाही पर रोक लगा दी गई। कुछ वक्त इन सीढ़ियों को आम लोगों के लिए खोला जाता है। सरकार की कोशिश रहती है उत्तराखंड के उस मानचित्र को दुनिया के सामने पेश करें जो अविष्मरणीय किस्सों की याद दिलाए। अब प्रशासन एक बार फिर इस पुल को पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है। गरतांग गली के खुलने से पर्यटक एक बार फिर इस प्राचीन रास्ते को निहार सकेंगे इससे पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। आप भी दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार गर्तांगली जाना चाहते हैं तो सरकार इस बारे में जल्द ही एक और खुशखबरी देगी।