Surat split

Surat Split

  • 1907 में Surat में आयोजित कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में अध्यक्ष पद को लेकर उदारवादियों और उग्रवादियों में अध्यक्ष के पद को लेकर Surat Split हुआ।
  • उग्रपंथी जहॉ लाल लाजपत राय को कांग्रेस के Surat अधिवेशन का अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहते थ लेकिन अन्ततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए।
  • कांग्रेस का Surat अधिवेशन 26 दिसम्बर, 1907 को ताप्ती नदी के किनारे हुआ था।
  • सम्मेलन में उग्रपन्थियों द्वारा 1906 में पास करवाये गये 4 प्रस्ताव स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और श्वसासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा गया जिस कारण दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हुया।
  • उग्रपन्थियों को सात वर्ष तक कांग्रेस में प्रवेश प्रतिबन्धित हो गया।
  • Surat Split के बाद गरमपंथियों के अखबारों की जुबान बन्द कर दी गयी तथा इनके मुख्य नेता बाल गंगाधर तिलक को छह वर्ष के लिए माण्डले जेल में भेज दिया गया।
  • अरविंद घोष एक क्रान्तिकारी षडयन्त्र में अभियुक्त थे और जब बेकसूर करार कर दिये गये तब उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया।

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