Dandi march (दांडी मार्च)
Dandi march (दांडी मार्च) को नमक मार्च और दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। यह आन्दोलन ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्यवाही अभियान के रूप में चलाया गया था।
- महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह की शुरूआत की, जो 6 अप्रैल, 1930 तक जारी रहा। यह 24 दिवसीय नमक सत्याग्रह था जो प्रकृति में अहिंसात्मक तथा ऐतिहासिक रूप में महत्वपूर्ण था क्योंकि यह बडे पैमाने पर सविनय अवज्ञा आन्दोलन का कारण बना।
- Dandi march में गांधीजी ने साबरमती से 78 अनुयायियों के साथ 241 मील की यात्रा शुरू की और अरब सागर के तटवर्ती शहर दांडी में अपने समर्थकों के साथ समुद्री जल से नमक बनाकर ब्रिटिश नीति की अवहेलना की थी। यही से सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरूआत हुई।
नमक सत्याग्रह
साइमन कमीशन में किसी भारतीय के शामिल नहीं होने के कारण इसका विरोध किया जा रहा था।
- 1929 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में, कांग्रेस कार्य समिति को करों का भुगतान न करने के साथ-साथ सविनय अवज्ञा कार्यक्रम शुरू करने के लिए अधिकृत किया था।
- 26 जनवरी, 1930 को आधुनिक भारत के इतिहास में प्रथम स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया, जिसमें देश के विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
- 31 जनवरी, 1930 को महात्मा गांधी ने वायसराय इरविन को एक पत्र लिखा जिसमें 11 मांगों का उल्लेख किया गया था। इस मांगों में सबसे महत्वपूर्ण मांग थी, नमक पर लगने वाले कर को समाप्त करने की थी जिसे अंग्रेजों ने नहीं माना।
- गांधी जी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को न माने जाने पर इरविन को पत्र में लिखा ‘‘मैनें रोटी मांगी थी मुझे पत्थर मिला। इन्तजार की घड़िया समाप्त हुई।’’
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत गांधी जी ने अपनी 11 सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने के बाद 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से एक अहिंसक मार्च शुरू किया था।
Dandi march का प्रभाव
इस Dandi march में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार पर विशेष जोर दिया गया था। बिहार और पश्चिम बंगाल में चौकीदारी कर भुगतान नहीं करने के लिए आन्दोलन चलाया गया ।
- मध्य भारत, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कडे़ वन कानूनों के विरूद्ध वन सत्याग्रह चलाया गया।
- गांधीवादी नेता सी0 राजगोपालचारी ने तमिलनाडु में तंजौर तट पर त्रिचिनोपोली से वेदारणियम तक नामक मार्च का नेतृत्व किया।
- मालाबार में नमक सत्याग्रह की शुरूआत बायकोम सत्याग्रह के नेता के0 केलप्पड़ ने कालीकट से पेन्नार तक नमक यात्रा की।
- पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्त के मुसलमानों ने खान अब्दुल गफ्फार खां के नेतृत्व में सविनय आन्दोलन चलाया।
- गढ़वाल रेजीमेन्ट के सिपाहियों ने चन्द्रसिंह गढ़वाली के नेतृत्व में निहत्थे आन्दोलन कारियों पर गोली चलाने से मना कर दिया गया।
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