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Chaufula Dance

चौं का अर्थ होता है चारों ओर तथा फुला का अर्थ होता है प्रसन्न होना है। चौंफला अर्थात चौ यानी की चारों ओर फूला अर्थात चारों ओर की प्रसन्नता व्यक्त करने वाला नृत्य को Chaufula Dance  कहते है। Chaufula Dance  का गढ़वाल क्षेत्र में विशिष्ट स्थान और महत्व है। मान्यता है कि पार्वती माता ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गढ़वाल की किसी पर्वत श्रृंखला में पर चौंरी अर्थात चौपाल बनाकर अपनी सहेलियों के साथ नृत्य किया था। तभी चौंरी के चारों ओर फूल खिल गए थे और भगवान शिव ने प्रसन्न होकर पार्वती माता से विवाह किया था।

इसी प्रसंग में चौफला (चारों ओर फूल खिल गए हो) नृत्य प्रसिद्ध हो गया है। यह भारतीय लोक नृत्यों का गौरवशाली रूप हैं। इसका मुख्य कारण है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बसे हैं जिन्होेने Chaufula Dance  अपनी बहुत सारी विशेषताएं मिला दी है।

Igas  पर्व मानने के पीछे की मान्यता

गुजरात का गरबा नृत्य, असम का बिहू नृत्य तथा मणिपुर का रास नृत्य, मध्यकालीन नृत्यों में चलिम नृत्य, चौंफुला शैली के ही नृत्य हैं।
सन्दर्भः-
1. उत्तराखण्उ का समग्र ज्ञानकोश-डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद बलोदी
2. यूकेपीडिया-उत्तराखण्ड का सम्पूर्ण ज्ञानकोश-भगवान सिंह धामी
3. विनसर उत्तराखण्ड ईयर बुक
4. दैनिक जागरण

उत्तराखण्ड के प्रमुख लोक नृत्य

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