मोपला विद्रोह

  • उत्तरी केरल के मालाबर तट पर निवास करने वाले मलयाली भाषी के मुसलमानों को मप्पिला नाम से जाना जाता है।
  • वर्ष 1921 तक मोपला ने मालाबार में सबसे बडे समुदाय के रूप में उभरा।
  • मालाबार की कुल आबादी में मोपला 32 प्रतिशत के साथ दक्षिण मालाबार क्षेत्र में केन्द्रित था।

पृष्ठभूमि

  • सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगाली मालाबार तट पर पहुचें।
  • मप्पिला एक व्यापारिक समुदाय था जो शहरी केन्द्रो में केन्द्रित था और स्थानीय हिन्दू आबादी से काफी अलग था।
  • हालाकि पुर्तगाली वाणिज्यिक शक्ति में वृद्धि के साथ मप्पिलास ने खुद को एक प्रतियोगी पाया और नए आर्थिक अवसरों की तलाश में तेजी से देश के आन्तरिक भागों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।
  • 20 अगस्त, 2021 को मोपला विद्रोह की जयन्ती थी। इसे मोपला दंगा के रूप में भी जाना जाता है। विद्रोह की शुरूआत 20 अगस्त, 1921 को हुई थी, जब बिट्रिश शासकों तथा हिन्दू जमीदारों के खिलाफ हिंसक विद्रोह छोड़ दिया था।
  • अधिकांश मोपला छोटे किसान या व्यापारी थे, जो अपनी गरीबी और अशिक्षा के कारण थंगल कहे जाने वाले काजियों और मौलवियों के प्रभाव में थे।
  • मोपला किसान मालाबार के हिन्दू नम्बूदरी और नायर उच्च जाति, भूस्वामियों के बटाईदार या आसामी काश्तकार थे।
  • मोपला विद्रोह 19वीं शताब्दी में अत्यधिक आत्मघाती हो गया क्योंकि अधिकांश मोपलाओं में यह धारणा घर कर गयी कि जो मोपला लड़ते हुये मारा जायेगा वह अहदियों की तरह सीधें स्वर्ग जायेगा।
  • 15 फ़रवरी, 1921 ई. को सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर ख़िलाफ़त तथा कांग्रेस के नेता याकूब हसन, यू. गोपाल मेनन, पी. मोइद्दीन कोया और के. माधवन नायर को गिरफ्तार कर लिया। बाद में यह आन्दोलन स्थानीय मोपला नेताओं के हाथ में चला गया।
  • आन्दोलन के मुख्य नेता के रूप में अली मुसलियार चर्चित थे।
  • कुछ लोग इस विद्रोह को धार्मिक कट्टरता का मामला बताते हैं, कुछ लोग इसे ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष के उदाहरण के रूप में देखते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो मालाबार विद्रोह को ज़मींदारों की अनुचित प्रथाओं के खिलाफ एक किसान विद्रोह मानते हैं।
  • जबकि इतिहासकार अब भी इस विद्रोह की प्रकृति पर चर्चा-बहस करते है, इस प्रकरण पर व्यापक सहमति है कि इस विद्रोह की शुरूआत औपनिवेशिक राजनीतिक सत्ता के खिलाफ संघर्ष के रूप में शुरू हुआ था जिसने बाद में सांप्रदायिक रंग ले लिया।
  • विद्रोह की घटनाएं उत्तरी केरल के क्षेत्र में हुई, जो वर्तमान में मलप्पुरम जिले के अन्तर्गत आता है।
  • इन दंगों में 10000 से अधिक हिंदुओं की सामूहिक हत्याएँ, महिलाओं के साथ बलात्कार, ज़बरन धर्म परिवर्तन, लगभग 300 मंदिरों का विध्वंस या उन्हें क्षति पहुँचाई गई, हिंदुओं के घर जलाये गये।

कारण

  • अधिकतर मोपला किसान मुस्लिम थे, उनके जमीदार, जिन्हें जन्मी कहा जाता था, अधिकतर हिन्दू थे। आर्थिक कारणों से जन्मी तथा मोपला किसानों के बीच के रिश्ते हमेशा खराब थे। लम्बें समय से किसानों का दमन होने के कारण उनके अन्दर जमींदारों के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ था।
  • नए काश्तकार कानून-1799 में चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद मैसूर राज्य अंग्रेजो के पास चला गया।
  • अंग्रेज़ों ने नए काश्तकारी कानून पेश किया, जो किसानों के लिये पहले की तुलना में कहीं अधिक शोषणकारी हुया।
  • नए कानूनों ने किसानों को भूमि के सभी गारंटीकृत अधिकारों से वंचित कर उन्हें भूमिहीन बना दिया।

समर्थन

  • महात्मा गाँधी, शौकत अली, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जैसे नेताओं का सहयोग इस आन्दोलन को प्राप्त था।

पतन

  • वर्ष 1921 के अंत तक अंग्रेज़ों ने विद्रोह को कुचल दिया था, जिन्होंने दंगा रोकने के लिये एक विशेष बटालियन, मालाबार स्पेशल फोर्स का गठन किया था। शीघ्र ही इस आन्दोलन को कुचल दिया गया।

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चर्चा में क्यों-

  • मोपला विद्रोह, जिसे 1921 के मप्पिला दंगों के रूप में भी जाना जाता है, भारत में तालिबान मानसिकता की पहली अभिव्यक्तियों में से एक था।
  • हाल ही में भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के एक तीन सदस्यीय पैनल ने मालाबार विद्रोह के नेता कंुजमोहम्मद हाजी, अली मुसलियार और अन्य 387 अन्य मोपला विद्रोहियों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के शब्दकोश से हटाये जाने की सिफारिश की है।
  • आईसीएचआर द्वारा यह पैनल शहीदों के शब्दकोश के 5वें खण्ड में प्रविष्टियों की समीक्षा करने के लिए गठित किया गया था।
  • पैनल ने यह माना कि 1921 का मोप्पला विद्रोह स्वतंत्रता संग्राम का भाग ना होकर धार्मिक परिवर्तन के लिए चलाया गया कट्टरपंथी आन्दोलन था। विद्रोह में शामिल लोगों ने राष्ट्रवाद के समर्थन तथा ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरूद्ध कोई नारे नहीं लगाए थे।
  • इसे इतिहासकारों द्वारा किसान विद्रोह के रूप में वगीकृत किया जाता रहा है। 1971 में केरल सरकार ने विद्रोहियों को स्वतंत्रता सेनानियों की श्रेणी में शामिल किया था।

https://en.wikipedia.org/wiki/Malabar_rebellion

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