भारत में शिक्षा का विकास (अंग्रेजों के समय में)

  • 1781 में गवर्नर-जनरल वारने हेस्टिंग्स ने ‘कलकत्त मदरसा’ की स्थापना की जिसमें फारसी और अरबी का अध्ययन होता था।
  • 1778 में हेस्टिंग्स के सहयोगी सर विलियम जोंस ने ‘एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल’ का स्थापना की जिसने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किये।
  • राजा राममोहन राय, डेविड हेयर और सर हाईड ईस्ट ने मिलकर कलकत्ता में हिन्दू कालेज की स्थापना की जो कालांतर में प्रेसीडेंसी कालेज बना।
  • जनरल विलियम बैटिंक ने अपने कौंसिल के विधि सदस्य लाई मैकाले को लोक शिक्षा समिति (बंगाल) का प्रधान नियुक्त कर उन्हें भाषा सम्बन्धी विवाद पर अपना विवरण पत्र प्रस्तुत करने को कहा।
  • मैकाले भारत में अंग्रेजी शिक्षा द्वारा एक ऐसा वर्ग तैयार करना चाहता था जो रक्त और रंग से भारतीय हो परन्तु उसकी प्रवृत्ति विचार नैतिक मापदण्ड और प्रज्ञा अंग्रेजों जैसा हो अर्थात वह ब्राउन रंग के अंग्रेजों का एक वर्ग चाहता था।
  • गवर्नर-जनरल बैटिंक ने Macaulay Minute को 7 मार्च 1835 को स्वीकार कर आदेश दिया कि भविष्य में कंपनी की सरकार यूरोपीय साहित्य को अंग्रजी माध्यम द्वारा उन्नत करे तथा सभी खर्च इसी उदेश्य से किये जाय।

शिक्षा का अधोमुखी निस्यंदन सिद्वान्त

  • शिक्षा के अधोमुखी निस्यदन सिद्वान्त का प्रतिपादन इस उदेश्य से किया गया कि सर्वप्रथम उच्च वर्ग को शिक्षित किया जांय, इस वर्ग के शिक्षित होने पर छन-छन कर शिक्षा का प्रभाव जनसाधारण तक पहुंचेगा।

1854 का चार्ल्स वुड डिस्पैच

  • शिक्षा के प्रसार का दूसरा चरण लार्ड डलहौजी के समय में शुरू हुआ। 1853 के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास की जांच के लिए एक समिति के गठन का प्रावधान किया गया।
  • चार्ल्स वुड के डिस्पैच को ‘भारतीय शिक्षा का मैग्नकार्टा’ (Magna Carta) कहा गया।

डिस्पैच की प्रमुख सिफारिशें-

1    उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी हो लेकिन देशी भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जाय।

2    महिला शिक्षा को प्रोत्साहन

हंटर कमीशन (1882-83)

  • लार्ड रिपन ने 1882 में डब्ल्यू0 डब्ल्यू0 हंटर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया जिसका उदेश्य 1854 ई0 के बाद शिक्ष के क्षेत्र में की गई प्रगति का मूल्यांकन करना था।
  • इस आयोग को प्राथमिक शिक्षा के प्रसार के लिए भी उपाय सुझाने थे।

रैले कमीशन 1902

  • शिमला सम्मेलन में पारित प्रस्तवों की तीखी आलोचना से विवश होकर कर्जन ने 1902 में थामस रैले की अध्यक्षता विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना की गई।
  • 1904 में पारित भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं-

1    विश्वविद्यालय के उपसदस्यों की संख्या 50 से न्यून तथा 100 से अधिक नहीं होना चाहिए जिनका कार्यकाल 6 वर्ष का होगा। उप सदस्य को सरकार द्वारा चुना जाना था।

2    विश्वविद्यालय को अध्ययन तथा शोध के लिए प्रोफेसर और लेक्चर की नियुक्ति ।

3    विश्वविद्यालय पर सरकारी नियंत्रण बढ़ गया, सरकार को विश्वविद्यालय की सेनेट द्वारा पारित प्रस्ताव पर ‘वीटो’ (निषेधाधिकार) की अधिकार दिया गया।

4   अधिनियम द्वारा अशासकीय कालेजों पर सरकारी नियंत्रण कठोर हो गया, सिंडीकेट को समय-समय पर कालेजों के निरीक्षण का अधिकार मिल गया।

5    गवर्नर-जनरल को विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय सीमा निर्धारित करने का अधिकार मिल गया।

6    कालेजों को विश्वविद्यालय से सम्बन्धित करने का अधिकार सरकार ने अपने जिम्मे ले लिया।

  • कर्जन के समय कृषि विभाग, पुरातत्व विभाग की स्थापना की गई साथ ही 1904 के प्राचीन स्मारक, अभिलेख संरक्षण अधिनियम को पारित करने में सहायता दी गई।
  • भारत में ‘शिक्षा महानिदेशक’ की नियुक्ति कर्जन के समय में ही की गई इस स्थान को ग्रहण करने वाला प्रथम अधिकारी एच0डब्ल्यू0 ऑरेन्ज था।

सैडलर आयोग-कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग

  • 1917 ई0 में सरकार ने डॉ0 माइकल सैडलर के नेतृत्व में कलकत्ता विश्वविद्यालय की समस्याओं के अध्ययन हेतु आयोग नियुक्त किया।
  • सैडलर आयोग में आशुतोष मुखर्जी और डॉ0 जियाउद्दीन अहमद दो भारतीय सदस्य थे।
  • स्नातक स्तर पर त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम हो।
  • म्हिला शिक्षा पर जोर दिया जाय साथ औद्योगिक व प्रशिक्षण से जुड़ी समस्यायें विश्वविद्यालय द्वारा निपटाया जाये।
  • सैडलर आयोग के सुझावों पर उ0प्र0 में एक बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशनकी स्थापना हुई।

स्मरणीय तथ्य

  • पहली बार कंपनी सरकार द्वारा 1813 के चार्टर एक्ट में भारतीय शिक्षा पर एक लाख रू0 खर्च करने के प्रावधान किया गया।
  • महिलाओं की शिक्षा पर सरकारी स्तर पर पहलीबार ‘बुड डिस्पैच’ में व्यवस्था की गई, हंटर कमीशन, सैडलर कमीशन की रिपोेर्ट में भी स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया।
  • प्राथमिक शिक्षा पर पहली बार हण्टर कमीशन की रिपोर्ट में जोर दिया गया।
  • लंदन विश्वविद्यालय के आधार पर वुड के डिस्पैच में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास प्रेसीडेंसियों में विश्वविद्यालय की स्थापना का सुझाव दिया गया।
  • महिला शिक्षा की दिशा में प्रथम भारतीय प्रयास ’ब्रहम समाज ने किया।
  • भारत में ‘भारतीय लोक सेवा‘ गठन कार्नवालिस ने किया, इसलिए इन्हें ‘भारतीय लोक सेवा’ का जनक माना जाता है।
  • 1861 में सरकार द्वारा “The Indian civil Services act” पास किया गया।

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