फीजैंट द्वीप

दुनिया में ऐसे कई द्वीप हैं जो अपने आप में बेहद ही खास होते हैं। कुछ ऐसा ही है फीजैंट द्वीप जो फ्रांस और स्पेन के बीच है जो बिडासोआ नदी पर स्थित है। यह द्वीप हर छह महीने में अपना देश बदल लेता है। कहने का तात्पर्य है कि इस द्वीप पर फ्रांस और स्पेन दोनों देशों का कब्जा है। दोनों छह-छह महीने इस द्वीप पर शासन करते हैं। खास बात यह है कि इसको लेकर दोनों देशों के बीच कोई झगडा नहीं होता है। बल्कि दोनों देश अपनी मर्जी से इसकी अदला-बदली करते है। यह परम्परा पिछले 350 वर्षों से चली आ रही है।

दरअसल वर्ष 1659 में दोनों देशों के बीच एक सन्धि हुई थी जिसे पाइनीस की सन्धि के नाम से जाना जाता है। यह तीस साल के युद्ध के अंत के बाद 1659 में स्पेन के ग्रैंडी लुइस डी हारो और फ्रांस के मुख्यमंत्री कार्डिनल माजरीन के बीच आयोजित 24 सम्मेलनों की एक श्रृंखला का चरमोत्कर्ष था। बैठक को मनाने के लिए फीजैंट द्वीप के केंद्र में एक पत्थर का खंभा बनाया गया था। इस द्वीप पर स्पेन का कब्जा एक फरवरी से 31 जुलाई तक रहता है जबकि एक अगस्त से 31 जनवरी तक यह फ्रांस के पास रहता है। इस द्वीप की लम्बाई सिर्फ 200 मीटर और चौड़ाई 40 मीटर है। फीजैंट द्वीप से सटी नदी के किनारे हर 100 मीटर पर दूसरी ओर से लोगों को आने से रोकने के लिए सैनिक खडे़ किये जाते है।

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