Emergency FundEmergrncy Fund

Emergency Fund- आपकी वित्तीय सुरक्षा की ढाल

आज के शहरों की समृद्ध जिन्दगी में ऐसी अनेक अघोषित आपात-स्थितियॉ आ सकती हैं-बीमारी में अचानक अस्तपताल जाना, अस्तपताल का बड़ा बिल, अचानक नौकरी छूट गयी, सारी आय बन्द हो गयी। बहुत सी घटनाओं में हम खुद का बीमा द्वारा सुरक्षित कर लेते हैं, परन्तु बहुत सी घटनाएं बिना दरबाजा खटखटायें आ जाती हैं- जैसे नौकरी छूट जाना। हमें ऐसी स्थिति से के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

Emergency Fund क्या है?

Emergency Fund वह धनराशि है जिसे अचानक आने वाले खर्चों से निपटने के लिए अलग रखा जाता है। Emergency Fund  बनाने से आपको एक वित्तीय सुरक्षा जाल (Financial Safety Net) मिलता है, जिससे आप अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, नौकरी छूटने के बाद दिन-प्रतिदिन के खर्च या अचानक आने वाले मेडिकल बिल।

Emergency Fund को हमेशा ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ से जरूरत पड़ने पर उसे आसानी से निकाला जा सके। इस फंड का उपयोग कभी भी गैर-ज़रूरी खर्चों के लिए नहीं करना चाहिए। और यदि कभी इसका इस्तेमाल हो जाए तो इसे दोबारा भरना (Replenish) ज़रूरी है।

अब फोकस मजबूत Emergency Fund बनाने पर केंद्रित हो गया है, जिसमें चीजों को कुशलता पूर्वक नियोजित करने पर नए सिरे से जोर दिया गया है। व्यक्तियों को तीन से छह महीने के आवश्यक खर्चों के लिए बचत करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

उदाहरण के लिए, रू0 50,000 मासिक व्यय वाले परिवार को Emergency Fund के रूप में रू0 1.5 लाख से रू0 3 लाख तक अलग रखने पर विचार करना चाहिए। फिर भी, इस तथ्य को स्वीकार करना भी महत्वपूर्ण है कि Emergency Fund निर्माण के लिए बचत की सटीक राशि व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार, प्रमाणित वित्तीय सलाहकार के साथ उचित परामर्श के बाद तय की जानी चाहिए।

Emergency Fund बनाने की रणनीतियाँ

1. छोटी शुरुआत करें और लगातार बचत करें – आपको अपनी बचत की शुरुआत रू0 2,000 से रू0 5,000 मासिक आधार पर प्रबंधनीय राशि से करनी चाहिए। फिर समय के साथ धीरे-धीरे योगदान बढ़ाते जाएँ।

2. बचत और योजना को स्वचालित करें – कुशल दीर्घकालिक योजना और समर्पित बचत खाते में धन का स्वचालित हस्तांतरण बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के नियमित योगदान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

3. उचित वित्तीय साधनों का उपयोग करना – अपने वित्तीय सलाहकार के साथ उचित चर्चा के बाद उच्च ब्याज बचत खातों, म्यूचुअल फंड, स्वीप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट में धन जमा करने पर विचार करें। इससे आप को पैसे को अपने लिए काम करने में मदद मिलेगी।

4. जोखिम भरे निवेश से बचें – आपको अपने आपातकालीन फंड को अस्थिर परिसंपत्तियों जैसे कि पेनी स्टॉक, अस्थिर इक्विटी में निवेश करने से भी दूर रहना चाहिए, जो अल्पावधि में काफी उतार-चढ़ाव कर सकते हैं।

5. समय-समय पर समीक्षा करें और समायोजित करें – जीवन की परिस्थितियाँ और परिस्थितियाँ समय के साथ बदलती रहती हैं। इसलिए आपको अपने Emergency Fund  की लगातार समीक्षा करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह अभी भी आपकी वर्तमान और दीर्घकालिक वित्तीय आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप है। जीवन की घटनाओं जैसे नौकरी छूटना, नौकरी में परिवर्तन, चिकित्सा आवश्यकताओं आदि के अनुसार कोष को समायोजित करें।

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आपातकालीन निधि बनाने का समय – एक औसतभारतीय को Emergency Fund बनाने में लगभग 15 महीने लगते हैं। यह निधि आमतौर पर उनकी मासिक आय के तीन गुना के बराबर होती है।

निष्कर्ष

इसलिए, आज की अस्थिर आर्थिक पृष्ठ भूमि में, Emergency Fund बनाना और उसे बनाए रखना अब वैकल्पिक नहीं है। यह अब अपरिहार्य और अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, आपको एक अनुशासित बचत की आदत अपनानी चाहिए और छोटे से शुरू करके, लगातार बने रहकर और अधिक सुरक्षित आर्थिक भविष्य के लिए बुनियादी वित्तीय लचीलेपन को प्राथमिकता देकर सूचित वित्तीय विकल्प बनाने चाहिए।

Disclaimer – यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

Emergency Fund: Uses and How to Build Yours

By admin

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