The Illustrated Ramayana

The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption

मर्यादा की अंतध्वनियों को अपने समावेषी चरित्र में धारण करने वाले महानायक श्रीराम के जन्म के अवसर पर उनकी चरितगाथा पर आधारित किसी अनूठी किताब The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption का उल्लेख करना प्रासंगिक होगा। भारतीय परम्परा में रामायण को लेकर असंख्य भाश्य, टीकांए, विचार और साहित्य सृजन होते रहे हैं।
आज हम जिस किताब का जिक्र कर रहा हू, वह विद्वान श्री विवेक देवराय की देखरेख में तारिणी अवस्थी द्वारा अंग्रेजी में रचित, संकलित, सम्पादित ‘The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption’ पर एकाग्र है। इस अर्थ में यह किताब महत्वपूर्ण है कि चित्रांकन और स्तरीय चित्र वीथिका द्वारा संजोई गई इस कृति में भारत ही नहीं, बल्कि हर उस स्थान पर रामकथा की व्याप्ति को समाहित करने का जतन किया गया है, जो अपनी उपस्थिति से रामायण को एक वैष्विक सन्दर्भ देता है।
इस कृति The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption का हर एक पृश्ठ अपने कलात्मक संयोजन, सटीक संक्षिप्त टिप्पणियों, विभिन्न कलाकर्मों में रामायण के प्रसंगों के उल्लेखों समेत कई दुर्लभ लघुचित्रों से आकल्पित है, जिसे एक स्थान पर इतने कुषल संपादन में पढ़ना प्रीतिकर है। विदेष में इलस्ट्रेटेड किताबों की एक बड़ी परम्परा रही है, जो अपने देष की संस्कृति से लेकर कलाओं, स्थापत्य, साहित्य आदि पर वैचारिक पुस्तकें निर्मित रहा करता है। हाल ही के वर्शों में भारतीय सन्दर्भों वाली ऐसी पुस्तकों का संयोजन निराले ढंग से सामने आता है, जिसे हम एक संतुलित रिफरेंस गाइड की तरह भी पढ़ सकते हैं। इन पुस्तकों का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह उभरता है कि ये छात्रोपयोगी होने के साथ-साथ लोकप्रिय ढंग से अपने गम्भीर विशय को पाठकों को पढ़न का न केवल आमंत्रण देती हैं, बल्कि अपने आकर्शण व सम्मोहन में बांध भी लेती हैं। इनका जरूरी दाय यह भी नजर आता है कि बडे़ आख्यान या विचार को संक्षेप में आसान बनाते हुए उनके सन्दर्भ सटीक रेखांकनों द्वारा भी उन विशयों का अर्थ विस्तार कर देते हैं।

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रामायण की ही संरचना पर इसका अनुक्रम कांडों में विभक्त है। इस कृति The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption में सात काण्ड है जोकि बाल काण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किश्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, युद्ध काण्ड, उत्तरा काण्ड में विभक्त है। हर एक कांड के प्रमुख अवयवों, संकेतों, निरीक्षण, सूचनाओं और फल प्राप्ति को केन्द्र में रखकर उन अध्यायों का प्रवर्तन किया गया है। इस पुस्तक The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption के निर्माण की संरचना ही इतनी अनूठी है कि एक ही पृश्ठ पर विभिन्न संदर्भों को अलग-अलग रेखाकित करते हुए उसका सार लिख दिया गया है। इस कथा गायन से बहुतेरे सौन्दर्य अपने बहुलार्थों में प्रकट होते हैं। उदाहरण के तौर पर बालकांड के उस प्रसंग में जहां राजा दषरथ पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने की ठानते हैं, कर्नाटक के हम्पी से हजारा मन्दिर के षृंगी ऋशि के स्थापत्य का उल्लेख, राजा रवि वर्मा की आयल पंेटिंग के विवरण, जिसमें राजा दषरथ अपनी तीनों रानियों को दिव्य खीर प्रस्तुत करते हैं, कथानक को कई सन्दर्भों के तहत खोलता है। साथ ही, बालकाण्ड सर्ग से विश्णु और देवताओं का संवाद भी अंकित है, जिसमें उन्हें पृथ्वी पर अवतार लेने के लिए विनती की जा रही है। इसी तरह हर एक प्रसंग विभिन्न कला माध्यमों के समेकित वर्णन से अपनी ऊंचाई पाता है। विष्वामित्र प्रसंग में योग विषिश्ठ ग्रंथ की चर्चा भी गम्भीर ढंग से की गई है। राम के वन-गमन प्रसंग में निशादराज से मैत्री की दर्षना में उड़ीसा के कालाहाण्डी के लोकचित्रों का प्रसंग जानकारीपरक ढंग से विशय प्रवर्तन करता है।
इस किताब The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption की यही सबसे बड़ी उपलब्धि है कि हम रामायण को समझते और गुनते हुए उसे कला-माध्यमों में दर्ज होता हुआ देख सकते हैं। इसमें 15वीं, 1़6वीं और 17वीं षताब्दी के मिनियेचर तस्वीरों के चित्रांकन के साथ, उनके बारे में तो लिखा ही गया है, बल्कि पूरक ढंग से इस कथा की व्याप्ति को समझाने के लिए प्रदर्षनकारी कलओं को भी षामिल किया गया है। इस किताब में जटायु वध प्रसंग में कुटियाट्टम रंग नृत्य षैली के चित्रण के तहत उसकी व्याख्या अद्भुत तरीके से किया गया है, जिसे चाक्यारों का कलाकार घटना षताब्दियों से करता आया है। हमारे देष भारत में ऐसी मान्यता है कि यही भारत की सबसे प्राचीन रंग-नृत्य षैली रही है।
रामलीलाओं में रामकथा की व्याप्ति को वैष्विक स्तर पर उकेरा गया है। फिर भी वह सीता को प्रदर्षित करने में थाई रामलीला प्रसंग का उल्लेख हो, भारतनाट्यम द्वारा सीता के आन्तरिक भाव का विष्लेशण दर्षााया गया हो या कि कथकली द्वारा रावण का भाव-प्रदर्षन जरूरी संदर्भ की तरह सामने आते हैं। कैलेंडर आर्ट, भित्तिचित्र, भारत के विभिन्न अंचलों में बनने वाले मुखौटों का उल्लेख ब्रिटिष कम्पनी स्कूल चित्रों की अवधारणा से रामकथा प्रसंग, प्रयागराज की दषहरा दर्षाते हुए रावण वध का अंकन सभी असाधारण ढंग से रामकथा को हदयंगम करते हैं।
छोटी-छोटी बाक्सनुमा टिप्पणियों में देषभर में व्याप्त रामकथा के चरित्रों के स्थापत्य का निरूपण भी इस किताब The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption का ऐसा बेहतरीन पक्ष है, जो इसे बहुस्तरीय बनाता है। बसोहली, बंूदी, कांगड़ा, मुगल, गुलेर आदि चित्र षैलियों की उपस्थिति से किताब बहुत ही आकर्शक दिखती है। इस किताब में जिन चरित्रों, विचारों व ग्रंथों का संक्षेप में समझाया गया है, वह अपने विशय के बारे में और अधिक पढ़े जाने की उत्सुकता जगाते हैं। जैसे जाबालि, रघु, परषुराम, अध्यात्म रामायण, मेघदूत, पंककन्या, श्रीरंगम का मन्दिर, निकुम्भ, षिवतांडव स्त्रोत आदि की चर्चा इस किताब The Illustrated Ramayana में बेहतरीन ढंग से की गयी है।
कलाओं के निरूपण से रची गयी बहुरंगी रामकथा The Illustrated Ramayana किसी ग्रंथ से कम नहीं है। हॉ, हिन्दी भाशा के व्यक्तियों को इस कृति के हिन्दी वर्जन के लिए थोड़ा इन्तजार करना पडे़गा क्योंकि यह कृति The Illustrated Ramayana: The Timeless Epic of Duty, Love and Redemption वर्तमान समय में अंग्रेजी भाशा में उपलब्ध है।

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