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Nivesh
अक्सर यह पाया जाता है कि धन कमाने की धुन में लोग कई रसीदे, सर्टिफिकेट, जीवन बीमा पालिसियाँ, बैंक और पोस्ट ऑफिस की पासबुक, घर-जमीन के कागज इत्यादि Nivesh जुटाते चले जाते है और एक ऐसा समय आता है कि उनको एक जगह समेटना मुश्किल हो जाता है।
किसी में नॉमिनी नहीं होती है, तो किसी में गलतकारी भरी होती है, कही का पता बदल चुका होता है, तो कहीं संयुक्त खाता नहीं होता है, लेकिन बेहतर है कि जैसे ही इन बातों का एहसास हो तो तुरन्त अपने विश्वासपात्र की सलाह से कुछ आवश्यक बातों को व्यवस्थित करना समझदारी होती है क्योंकि सलाहकार का काम महज Nivesh कराना अथवा पॉलिसी बेचना नहीं, बल्कि अपने ग्राहकों का वित्तीय Nivesh सरल और सुगम बनाना भी होता है।
सीमित रखें अपने बैंक खाते
कई बार लोग थोड़े से ज्यादा ब्याज के चक्कर में ऐसे बैंक में खाता खोल लेते है जंहा पैसे डूबने का खतरा बना रहता है। कुछ लोगों के कई बैंक खाते नौकरी अथवा शहर बदल जाने के कारण भी खुल जाते है। बहुत से खातों में नॉमिनी का नामांकन नहीं किया जाता है। तो कई में संयुक्त खाताधारक नहीं होता है।
आजकल के दौर में जब गावों और छोटे शहरों से हमारी युवा पीढ़ी नए रोजगार के तलााश में बडें शहरों की ओर पलायन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और कुछ युवाओं को रूख विदेश की तरफ पलायन है। ऐसे ओर भी जरूरी हो जाता है अपने कागजातों विशेषकर बैंक खातों को दुरस्त रखना।
इसलिए सबसे पहली आवश्यकता है कि अधिक बैंक खातों को बन्द करें और धनराशि को किसी विश्वसनीय बैंक में जमा कर देें। क्योंकि यह आपकी मेहनत की आपकी गाढ़ी कमाई है। इसलिए सम्भव हो सके तो संयुक्त खाताधारक के साथ उत्तरजीवी का विकल्प जरूर रखें और बैंक खातों में अपना मोबाइल नम्बर, ईमेल और आधार नम्बर को भलि-भांति चैक कर लें।
जीवन में Nivesh की तरलता का रखें ध्यान
जीवन में धन की पर्याप्त तरलता का ध्यान रखा जाना भी बहुत ही आवश्यक है ताकि वह पैसा आने वाली कठिन परिस्थितियों में काम आ सकें और उस वक्त हमें दूसरों के पैसे के मदद की जरूरत ना पड़ सकें। हमें कम से कम एक साल का पर्याप्त धनराशि अपने बचत खातों में जमा रहनी चाहिए। वर्तमान समय आजकल दवाई और अस्तपतालों का खर्चा दिनों-दिन तेेजी से बढ़ता जा रहा है।
स्वास्थ बीमा का उठाएं लाभ
आजकल जहां रोजमर्रा की अव्यवस्थित जिन्दगी के कारण दवाइयों का खर्च आपके बैंक बैलेंस को आसानी से निपटा रहा हैं, इसलिए बड़े खर्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा की बहुत ही आवश्यकता है।
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समय के साथ स्वास्थ्य बीमा की सुपर टापअप पॉलिसी बहुत ही जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि किसी बीमारी जैसे मधुमेह, ब्लड प्रेशर जैसी तकलीफ दायक बीमारियों से पहले ही एक अपना स्वास्थ्य बीमा जरूर खरीदें।
डिजीटल Nivesh को दें प्राथमिकता
सोना, विशेषकर जिसे Nivesh के दृष्टिकोण से लिया जाता है, उसको डिजीटल रूप में रखें ताकि खोने अथवा चोरी होने का डर न बना रहें इसलिए अपने निवेश को म्यूचल फण्ड, बैंक एफडी, पीपीएफ इत्यादि यथासम्भव डिजीटल रूप में ही रखें।
समय रहते आप अपना रियल एस्टेट को जल्द समेटकर वित्तीय Nivesh में बदल लें, वह बेहतर रहेगा। क्योंकि रियल एस्टेट में न सिर्फ तरलता का अभाव रहता है बल्कि रख-रखाव का भी खर्च भी होता है और कई जगहों पर दबंग या माफिया के कब्जे का भी भय बना रहता है, यह एक बहुत बड़ी समस्या बनी रहती है, जिनके बच्चे विशेषकर किसी दूसरे शहर में या विदेश में रहते हैं।
घर की देखभाल हो या रखरखाव बहुत ही मानसिक तनाव का कारण रहता है, उस पर एक से अधिक प्रापर्टी हो तो कोढ़ में खाज साबित हो जाती है। इन प्रापर्टी के लिए ऐसे ग्राहक तलाशना जो पूरा पैसा समय पर दें सकें, लगभग असम्भव हो जाता है।
साझा करें जरूरी जानकारी
वसीयत बनाने के लिए सेवानिवृत्ति का इन्तजार न करें और समय रहते वसीयत बनबा लें। आज की तारीख में यह एक बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
पति और पत्नी को परिवार से सम्बन्धित Nivesh व बचत सम्बन्धी जानकारी होनी बहुत ही आवश्यक है। पत्नी को इन बातेां की जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है ताकि उनकी अनभिज्ञता का फायदा कोई और न उठा सकें।
हमारे देश में पति की औसत आयु पत्नी से कम होती है और तो और दूसरी तरफ पति ही घर का मुख्य कर्ताधर्ता होता है ऐसे में पत्नी को इन बातों की जानकारी बहुत ही आवश्यक है।
निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प
भविष्य को सुरक्षा कवच देने में बचत और निवेश अहम हैं, मगर उससे भी ज्यादा आवश्यक है, हर जरूरी कागज और जानकारी को एक जगह जुटाना। जो Nivesh बोझ बनने लगें, उन्हें अवष्य हटाया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए करना जरूरी है ताकि आवश्यकता पड़ने पर इधर-उधर भागने के बजाय काम आ सके आपका व्यवस्थित अंदाज…….