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Stagflation (स्टैगफ्लेशन)
ऐसी स्थिति जिसमें स्फीति तथा मन्दी दोनों की स्थिति साथ-साथ बनी रहती है, उसे Stagflation कहते हैं। इस स्थिति में आर्थिक वृद्धि दर कीमत बढ़ने की दर धीमी होगी।
अर्थव्यवस्था इस स्थिति में उच्च स्फीति तथा उच्च बेरोजगारी दोनों से ही ग्रस्त रहती है। कीन्सियन्स के अनुसार उच्च स्फीति के साथ बेरोजगारी की दर अत्यन्त कम होगी अर्थात उच्च स्फीति तथा उच्च बेरोजगारी एक साथ नहीं बने रहेंगे। पर वर्तमान में आनुभविक साक्ष्य से स्थापित हो चुका है कि उच्च स्फीति तथा उच्च बेरोजगारी में असंगता दीर्घकाल में ही हो सकती है। Stagflation को नियन्त्रित करना अत्यन्त कठिन है क्योंकि इसमें दो परस्पर विरोधी प्रतिभासों का मिश्रण होता है, जहॉ बेरोजगारी को दूर करने के लिये विस्तारक राजकोषीय तथा मौद्रिक नीति (जिसमें अर्थव्यवस्था में मांग बढ़े) का सहारा लोना होगा वहीं दूसरी ओर उच्च स्फीति से बचाव के लिए संकेतक नीतियों का सहारा लेना होगा।
- Stagflation स्थिर आर्थिक उत्पादन, लगातार उच्च बेरोजगारी और उच्च मूल्य मुद्रास्फिति द्वारा चिन्हित किसी देश की एक आर्थिक स्थिति को सन्दर्भित करता है।
- इसका विचार सर्वप्रथम 1970 के दशक में लोकप्रिय हुया था जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेल के मूल्यों में गिरावट के साथ-साथ नकारात्मक आर्थिक विकास द्वारा चिन्हित आर्थिकी मंदी के कारण उच्च मूल्य मुद्रास्फिति देखी गयी थी।
- Stagflation का विचार फिलिप्स चक्र से निकटता से जुडा हुया है, जिसने यह स्थापित करने की कोशिश की कि बेरोजगारी और मुद्रास्फिति के बीच एक नकारात्मक अनुभवजन्य सम्बन्ध होता है। अर्थात फिलिप्स वक्र के अनुसार, जब बेरोजगारी कम होती है, तो मुद्रास्फिति अधिक होती है और जब बेरोजगारी अधिक होती है तो मुद्रास्फिति कम होती है।
Stagflation के कारण
- वर्तमान समय में विश्व में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल की कीमतों में उछाल आया है, जिसके कारण परिवहन लागत में वृद्धि हुयी है और इस कारण विशेष रूप से खाद्य उत्पादों की सामान्य कीमतों में वृद्धि हुयी है।
- अर्थव्यवस्था में किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति में अचानक कमी होने से कीमतें बढ़ जाती है, जिससे उत्पादन महंगा और कम लाभदायक हो जाता है तथा आर्थिक विकास की गति धीमी हो जाती है। ऐसी परिस्थितियां Stagflation को बढ़ावा देती है।
- बाजारों, उद्योगों, वस्तुओं और श्रम का कठोर विनियमन, विस्तारवादी मौद्रिक नीति, अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति बढ़ाने के लिए मुद्रा की छपाई आदि नीतियों के एक साथ घटित होने से Stagflation जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो अर्थव्यवस्था में अपेक्षाकृत उच्च बेरोेजगारी, मांग में कमी और खरीद क्षमता को प्रभावित करती है। यह Stagflation को बढ़ावा देती है।
Stagflation को रोकने के उपाय
- आपूर्ति पक्ष की नीतियों की दक्षता में वृद्धि के माध्यम से समग्र आपूर्ति में वृद्धि करना आवश्यक है। नीतिगत उपाय के रूप में आयकर और कॉर्पोरेट करों को कम किया जाना चाहिए।
- वेतन वृद्धि को सीमित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप के साथ-साथ मजदूरी नियन्त्रण जैसी नीति अपनाना चाहिए।
- कर उपायों और निजी निवेश के माध्यम से आपूर्ति ब़ढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- मुद्रास्फिति को बेहतर मौद्रिक नीति के माध्यम से कम किया जाना चाहिए।
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