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The Revolutionary Activities in India
महाराष्ट्र
- दामोदर तथा बालकृष्ण चापेकर ने 22 जून, 1897 को पूणे के प्लेग कमिश्नर ’रैण्ड तथा एमहर्स्ट की हत्या कर भारत में The Revolutionary Activities की नींव डाली। चापेकर बंधु को गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई।
- विनायक दामोदर सावरकर द्वार 1899 ई0 में मित्रमेला नामक संस्था की स्थापना की जो बाद में ’अभिनव भारत समाज’ के रूप में प्रसिद्व हुई।
The Revolutionary Activities in Bengal
- 1902 में बंगाल में पहले क्रांतिकारी संगठन अनुशीलन समिति की स्थापना मिदनापुर में ज्ञानेन्द्र नाथ बसु द्वारा तथा कलकत्ता में जतीन्द्र नाथ बनर्जी और बारीन्द्र नाथ घोष द्वारा की गई थी।
- प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस ने 30 अप्रैल, 1908 को बंगाल प्रेसीडेंसी के मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड की हत्या का प्रयास किया। प्रफुल्ल चाकी ने पुलिस से बचने के लिए आत्महत्या कर ली तथा खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई।
- घटना के बाद पुलिस ने मणिकतल्ला में छापा कर बहुत से लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें बारीन्द्र और अरबिन्द घोष भी थे। इन लोेगों पर अलीपुर षड्यंत्र केस के तहत मुकदमा चलाया गया। बारीन्द्र को आजीवन कारावास तथा अरविन्द्र को उचित साक्ष्य के अभाव में छोड़ दिया गया।
- बंगाल के एक अन्य क्रांतिकारी रास बिहारी बोस ने कलकत्ता से दिल्ली राजधानी परिवर्तन के समय लार्ड हार्डिग पर फेंके गये बम की योजना ने बनाई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए बोस जापान चले गये। गिरफ्तार किये गये अन्य लोगों पर (अवध बिहारी, अमीर चंद्र, लाला मुकुंद, बसंत कुमार) ’दिल्ली षड्यंत्र केस’ के तहत मुकदमा चलाया गया।
- ब्रहम बांधोपाध्याय जिन्होंने सर्वप्रथम रवीन्द्रनाथ टैगोर को ’गुरूदेव’ कहकर सम्बोधित किया था, रामकृष्ण मठ में स्वामी जी बन गये।
The Revolutionary Activities in Punjab
- अजीत सिंह ने लाहौर में अंजुमने-मोहिब्बाने वतन नामक एक संस्था की स्थापना की थी तथा ’भारत माता’ नाम से अखबार निकाला था।
The Revolutionary Activities out of India
- भारत से बाहर विदेशी धरती पर स्थापित सबसे पुरानी क्रांतिकारी संस्था इंडिया होमरूल सोसाइटी थी जिसकी स्थापना 1905 में लंदन में श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा की थी।
- इंडिया होमरूल सोसाइटी के प्रमुख सदस्यों में वी0डी0 सवारकर, हरदयाल तथा मदन लाल धींगरा थे।
- इण्डिया हाऊस के सदस्य मदनलाल धींगरा ने 1 जुलाई, 1909 को भारत सचिव के राजनीतिक सलाहाकार विलियम हट कर्जन वाइली की गोली मार कर हत्या कर दी। धीगरा को गिरफ्तार कर फांसी पर लटका दिया गया।
- मैडम भीखाजी रूस्तम के0 आर0 कामा जिन्हें Mother of India revolution भी कहा जाता है, ने 1902 में भारत के स्वतंत्रता का संदेश यूरोप के विभिन्न देशों तथा अमरीका आदि में प्रचार के लिए भारत को छोड़ दिया था।
- 1907 में स्टुटगार्ट (जर्मनी) में होने वाले ’द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय समाजवदी कांग्रेस’ के सम्मेलन में मैडम कामा ने भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया।
- सम्मेलन में कामा ने ब्रिटिश शासन के दुष्परिणामों के बारे में विचारोत्तेजक भाषण दिया, स्टुटगार्ट सम्मेलन में ही मैडम कामा ने पहली बार हरा, पीला, और लाल रंग के राष्ट्रीय झण्डे को फहराया था।
- मैडम कामा ने पेरिस में रहते हुए क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ी रही।
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