Veera Rani Abbakka
- 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में Veera Rani Abbakka ने पुर्तगालियों से लड़ाई लड़ी। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें अभय रानी के नाम से भी जाना जाता है।
- वह चौटा वंश (Chowta dynasty) से संबधित थी। जिन्होंने तटीय कर्नाटक (तुलु नाडु), के हिस्सों पर शासन किया था। बन्दरगाह उल्लास चौटा वंश की राजधानी थीं
- चौटा राजवंश में मातृवंशीय परम्परा का पालन किया गया जिसके कारण उनके मामा तिरूमला राय ने उन्हें उल्लास की रानी घोषित कर दिया।
- रानी के राज्य सभी धर्मों हिन्दू, मुस्लिम, जैन और बौद्ध समान रूप से रहते थे।
- जनश्रुति के अनुसार रानी अबक्का अग्निवाण का प्रयोग करने वाली आखिरी शख्स थी।
- रानी अबक्का की शादी मैंगलुरू की बंगा रियासत के राजा लक्षमप्पा अरसा के साथ हुयी थी। परन्तु कुछ समय बाद रानी उनसे अलग होकर वापस उल्लास आ गयी।
- Veera Rani Abbakka की नौसेना में मोगावेरा मुस्लिम समुदाय नौसैनिक थे जिससे उनकी नौसेना काफी मजबूत थी।
- रानी अब्बक्का चौटा तुलुनाडू (तटीय कर्नाटक) की रानी थीं जिन्होंने १६वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुर्तगालियों के साथ युद्ध किया।
- कर्नाटक के उल्लास शहर (Ullal City) में 21 दिसम्बर, 2021 को वीरा रानी अब्बक्का उत्सव (Veera Rani Abbakka Utsava) की रजत जयंती मनाई गई।
- उल्लाल (Tuluva Queen) क्षेत्र की पहली तुलुव रानी Veera Rani Abbakka थीं। रजत जयंती के अवसर पर वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार an(Veerarani Abbakka award) तुलु पृष्ठभूमि वाली महिला को देने का निर्णय लिया गया।
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