Martand Sun Temple (मार्तड सूर्य मंदिर)
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित Martand Sun Temple जिसे पांडौ लैदान के नाम से भी जाना जाता है, यह एक हिंदू मंदिर है जो सूर्य देवता को समर्पित है तथा यह 8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था मार्तड संस्कृत भाषा में सूर्य का पर्याय है।
- Martand Sun Temple का निर्माण कारकोटा राजवंश (Karkota dynasty) के तीसरे शासक ललितादित्य मुक्तपीड (Lalitaditya Muktapid) ने 8वीं शताब्दी मे करवाया था।
- ललितादित्य का जन्म 699 ई0 में कश्मीर के दुर्लाभाक प्रतापदित्य के यहा हुआ था। इनके बचपन का नाम मुक्तापीड था।
- मध्य काल में मुस्लिम शासक सिकदंर शाह के आक्रमण से इस मंदिर को भारी नुकसारन हुआ था तथा यह अब लगभग खंडहर बन चुका है।
- खंडहरों और संबधित पुरातात्विक निष्कर्षों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह मंदिर कश्मीरी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना था, जिसने गंधारन, गुप्त और चीनी वास्तुकला के रूपों को मिश्रित किया था।
- द्वारमण्डप तथा मन्दिर के स्तम्भों की वास्तु शैली रोम की डोरिक शेली के कुछ मिलती-जुलती है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने Martand Sun Temple को जम्मू एवं कश्मीर में राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के अन्य प्रसिद्ध मन्दिर
नारायण नाग मंदिर
- नारायण नाग या नर नाग (Nara Nag) कश्मीर घाटी में सबसे पवित्र हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। गोंदबल जिले से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस छोटे से गांव की प्रमुख विशेषता। 1500 साल पुराने मंदिर है ।
- इस स्थल पर मंदिर के दो समूहों का निर्माण किशनगंगा नदी के दाहिने किनारे पर किया गया है। दोनों मंदिर समूह एक दूसरे से 200 वर्ग मीटर के ‘स्त्ंभित फर्श‘(Pillared Platforn) से अलग किए गए है ।
- इन मंदिरों का निर्माण ललितादित्य के शासनकाल के दौरान किया गया था पहले समूह में सात मंदिर है ,समूह का सबसे बड़ा मंदिर शिव को समर्पित है और इसकी पहचान राजतरंगिणी की पुस्तक में भूतेश्वर के मंदिर से की गई है।
अवंतीस्वामी मंदिर
- यह विष्णु देवता को समर्पित मंदिर जम्मू कश्मीर के अवन्तिपुरा जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा अवन्तिवर्मन के कार्यकाल में हुआ था ।
- राजा अवन्तिवर्मन ने दो प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण कराया था ,एक विष्णु को समर्पित अवंतीस्वामी मंदिर तथा दूसरा शिव को समर्पित अवंतीश्वर मंदिर ।
जम्मू कश्मीर के धार्मिक था विरासत स्थलों की गणना हेतु पैनल
हाल ही में जम्मू-कश्मीर सरकार ने केन्द्रशासित प्रदेश में स्थित ’विरासत तथा धार्मिक स्थलों के पुनरूद्वार के लिए 12 सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया। 12 सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव होंगे जबकि पुरातत्व विशेषज्ञों को इस पैनल का सदस्य बनाया जाएगा।
- कश्मीर घाटी में सैकड़ों मंदिर, तीर्थ स्थल तथा विरासत स्थल हैं जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्व मार्तड सूर्य मंदिर परिसर, नारायण नाग मंदिर परिसर, अवंतीस्वामी मंदिर और सुगेंदीश्वर मंदिर जैसे विरासत मंदिर खराब स्थिति में हैं। स्थानीय कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर घाटी में ऐसे सभी मंदिर के पुननिर्माण और बदाली की मांग की गई थी जो नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
- नवगठित पैनल पवित्र धार्मिक स्थलों तथा ऐतिहासिक स्मारकों के पुनरूद्वार और नवीनीकरण की आवश्यकता का पता लगाएगा और इस तरह की बहाली, पुनरूद्वार, संरक्षण और रखरखाव कार्यो का समन्यवय करेगा।
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