Thamirabarani Civilization

थमिराबरानी नदी सभ्यता

तमिलनाडु राज्य की थमिराबरानी नदी के पास थूथुकुडी जिले के शिवकलाई में मिटृी के साथ चावल रखा हुआ एक बर्तन प्राप्त हुआ, जिसकी कार्बन डेटिंग के विश्लेषण से पता चला है कि Thamirabarani Civilization 1155 ईसा पूर्व अर्थात् 3200 वर्ष पुरानी है ।

Thamirabarani Civilization खोज के निहितार्थ

  • इस खोज से यह पता चलता है कि 3200 वर्ष पहले उत्तर हड़प्पा काल में दक्षिण भारत में नगरीय सभ्यता (Thamirabarani Civilization) का उदय हो चुका था ।
  • तमिलनाडु राज्य की सरकार ने निर्णय लिया है कि वह तमिल मूल की खोज के लिए देश के अन्य राज्यों में पुरातात्विक खनन कराएगी ।
  • चेर सामा्रज्य की प्राचीनता तथा ऐतिहासिकता की खोज के लिए केरल के प्राचीन बंदरगाह ‘मुजरिस‘ (पटृनम) का अघ्ययन किया जाएगा ।
  • मिस्र के कुसीर-अल-कादिम, रोमन सामा्रज्य के पर्निका अनेके तथा ओमान के खोर रोरी से प्राचीन तमिलनाडु के व्यापारिक संबंध थे जिनका भी अध्ययन किया जाएगा । इन देशों में तमील लिपि के बर्तन पाए गए है ।
  • इंडोनेशिया, थाईलैंड ,मलेशिया और वियतनाम जैसे दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों में भी पुरातात्विक अध्ययन किये जाने का निर्णय तमिलनाडु सरकार ने लिया है, जहां तक राजा राजेन्द्र चोल ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया था ।
  • तमिल भारत के तीन प्रमुख साम्राज्यों पांडय, चेर तथा चोल ने दक्षिणी भारत और श्रीलंका के वर्चस्व के लिए लड़ाई लड़ी थी । इन तीनों राजवंशों ने भारतीय उपमहाद्वीप पर प्रारंभिक साहित्य को बढ़ावा दिया और महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों का निर्माणा किया ।
  • संगम सहित्य के दौरान महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों का निर्माण किया गया था । दौरान लिखे गये संगम साहित्य चोल ,चेर तथा पाण्डय शासकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है ।

तमिलनाडु राज्य में मानव सभ्यता के सन्दर्भ में हाल की कुछ अन्य महत्वपूर्ण खोजें

तमिलनाडु राज्य के शिवगंगा जिले के कझाड़ी (keezhadi) / कीलादी (keeladi) नामक गांव में पुरातात्विक खुदाई से एक चांदी के पंचमार्क्ड सिक्के प्राप्त हुए थे, जिसमें सूर्य, चंदªमा, बैल और अन्य ज्यामितीय चित्र खुदे हुए थे ।

  • अध्ययनों से पता चलता है कि यह सिक्का चौथी शताब्दी ईसा पूर्व का है, जोकि प्राचीन मौर्य साम्राज्य (321-185 ईसा पूर्व) के समय से पहले का है ।
  • तमिलनाडु में कोडुमानल, कीलाडी, कोरकाई, शिवकलाई जैसे कई स्थानों पर पुरातत्व खुदाई की जा रही है ।

थमिराबरानी नदी

  • थमिराबरानी नदी जिसे ताम्रपणी नदी या पोरूनई नदी भी कहा जाता है, तमिलनाडु की सबसे छोटी नदी है । इसका उद्गम स्थल पोथिगई पहाड़ियों है ।
  • यह तमिलनाडु के थूथुकुड़ी तथा तिरूनेलवेली जिलों में बहने वाली एक बारहमासी नदी है। यह नदी कोरकई के पास मन्नार की खाड़ी में गिरती है।

Do you Know ? मार्तड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple)

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